गुरुवार, अक्तूबर 23, 2008

सारे जहाँ से अच्छा ' महाराष्ट्रा ' हमारा

क्या सचमुच 'राष्ट्र' से बड़ा है 'महाराष्ट्र' ?
या फ़िर राष्ट्र में महाराष्ट्र है, या महाराष्ट्र में राष्ट्र है,
या महाराष्ट्र ही उनका (राज ठाकरे)'राष्ट्र' है.
ये बातें राज ठाकरे को स्पष्ट करना चाहिए.
'मराठी मानुष' की बिध्वन्सक राजनीति करने वाले महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की हरकतें देश के लिए एक चुनौती है. राज ठाकरे कोई आतंकवादी नही हैं, लेकिन भाषावाद, क्षेत्रवाद के नाम पर 'क्षेत्रीयता का आतंक' मचाये हुए हैं. भारतीय नागरिकों को संविधान प्रदत्त अधिकार है कि वह किसी भी राज्य में जा कर रह सकता है. लेकिन ठाकरे की गतिबिधियाँ संविधान का उल्लंघन कर रही है.
विघटनकारी राजनीति की आग भड़काने वाले राज ठाकरे को देशद्रोही घोषित कर देना चाहिए, ताकि फ़िर कोई 'ठाकरे' अपना सर न उठा सके.

1 टिप्पणी:

Dr anand Srivastav ने कहा…

Dear Pawan(sonu),
all times i have have seen you as a younger brother so that unable to see your intellect observation.but after seeing ur blog i must tell it is impressive and very mature thought. i believe u must be a successfull media person in recent future.
wishing you good luck !
your brother-dr anand.
my E-mail=dr_anandsrivastva@rediffmail.com

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