tag:blogger.com,1999:blog-1599524149276215822.post274226394183297754..comments2023-10-24T02:14:18.758+05:30Comments on भारतश्री: इण्डोनेशिया में हिन्दू प्रभावपवन कुमार अरविन्दhttp://www.blogger.com/profile/08387317907418244334noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-1599524149276215822.post-2016680363653987732010-08-05T17:31:43.399+05:302010-08-05T17:31:43.399+05:30आप चाहें तो अपने शोध के कुछ महत्वपूर्ण अंश वेबसाइट...आप चाहें तो अपने शोध के कुछ महत्वपूर्ण अंश वेबसाइट http://vhv.org.in/ या http://www.pravakta.com/ पर प्रकाशित होने के लिए भेज सकते हैं।पवन कुमार अरविन्दhttps://www.blogger.com/profile/08387317907418244334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1599524149276215822.post-13381059886139673482010-08-04T20:25:09.688+05:302010-08-04T20:25:09.688+05:30अरविंद जी यह सिर्फ इंडोनेशिया ही नहीं दक्षिण पूर्व...अरविंद जी यह सिर्फ इंडोनेशिया ही नहीं दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश मसलन कंबोडिया, मलेशिया में भी भारतीय संस्कृति के पदचिंह हैं। दुनिया का सबसे बड़े हिंदू मंदिर अंकोरवाट तो आज भी पुरानी कहानी कहता नजर आता है। दरअसल दूसरी शताब्दी ईसापूर्व से ही दक्षिण पूर्व एशिया में भारतीय पहुंचने लगे। १०वीं शताब्दी तक इंडोनेशिया समेत तमाम दक्षिण पूर्व देशों में शैलेद्र सभ्यता की तूती बोलने लगी थी। इस सभ्यता की खासियत ही यही थी कि इस दौर में वहां शैव और बौद्ध दोनों धर्म समान स्तर पर फलफूल रहे थे। दोनों को राजकीय संरक्षण प्राप्त था। पतने इस साम्राज्य के बाद ही शुरू हुआ।<br /> मैंने इंडोनेशिया के धर्मशास्त्रों पर काम किया है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से इसी विषय पर थीसिस लिखी है। दुर्भाग्यवश या कहें अर्थाभाव में अभीतक इसको कहीं से प्रकाशित नहीं करा पाया हूं। अन्यथा आपको पढ़ने को भेज देता। मेरी थीसिस में समाज के मनुस्मृति आधारित नियम कानून व दंडव्यवस्था को स्पष्ट करके दिखाया गया है कि इंडोनेशिया में भारतीय संस्कृति की कितनी गहरी पैठ थी। हमारे धर्मशास्त्रों व महाकाव्यों ने इंडोनेशिया के समाज निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इतना ही नहीं अपने हिसाब से मनुस्मृति को बदला भी गया है। Dr Mandhata Singhhttps://www.blogger.com/profile/05562848365103091157noreply@blogger.com