मंगलवार, जनवरी 27, 2009

बाटल हाउस मुठभेड़ : ठंडी पड़ी राजनीति

केन्द्र सरकार ने बाटल हाउस मुठभेड़ की जाँच की मांग करने वाले नेताओं का मुंह बंद कर दिया है.
साथ ही, सरकार के रूख से यह भी स्पष्ट हो गया है कि अब वह किसी और जांच के लिए तैयार नही होगी.
२६ जनवरी को गणतंत्र-दिवस परेड से पहले राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद दिल्ली पुलिश के जाबाज सिपाही इंसपेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को शांतिकाल के सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया है.
ज्ञातव्य है कि गत वर्ष १९ सितम्बर को जामिया नगर इलाके के बाटला हाउस में ५ आतंकवादिओं के छिपे होने कि ख़बर पाकर, दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने आतंकवादिओं से लोहा लिया था.
जिसमे मोहन चंद्र शर्मा आतंकवादिओं की गोली का निशाना बन गए थे. ये पांचो आतंकवादी मुसलमान थे. जिसके कारण अल्पसंख्यकवादी राजनीति करने वाले नेताओं ने इस मुठभेड़ की जांच की मांग की थी.
केन्द्र सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम, मजबूरी में ही सही लेकिन "देर आयद दुरुस्त आयद" है. सरकार के इस कदम से,
देश के १० करोड़ मुस्लिम मतदाताओं पर नजर गड़ाए अमर सिंह, मुलायम सिंह, रामबिलास पासवान, मायावती और लालू प्रसाद यादव जैसे नेताओं को गहरा धक्का लगा है.

फ़ॉलोअर

लोकप्रिय पोस्ट

ब्‍लॉग की दुनिया

NARAD:Hindi Blog Aggregator blogvani चिट्ठाजगत Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा Submit

यह ब्लॉग खोजें

Blog Archives