रविवार, नवंबर 23, 2008

ATS यानी "एंटी-ट्रूथ स्क्वाड"

महाराष्ट्र पुलिस का आतंकवाद निरोधी दस्ता (ऐ.टी.एस.), "एंटी ट्रुथ स्क्वाड" के रूप में कार्य कर रही है. अभी तक प्रज्ञा सिंह ठाकुर उर्फ़ "पूर्णचेता नन्द गिरी" के ढेर सारे मेडिकल टेस्ट हो चुके है. फिर भी ऐ.टी.एस. कोई ठोस सबूत नहीं जुटा सकी है. यह देश के हित में है कि मालेगाँव बिस्फोट की गहन जांच होनी चाहिए. कानूनी तंत्र को भी दबाव से मुक्त हो कर अपना कर्त्तव्य निभाना चाहिए. आतंकवाद एक असामान्य अपराध है लेकिन ऐ.टी.एस. के द्वारा जो कुछ भी पूछ-ताछ कि जा रही है, उस गोपनीय जानकारी को नियमित रूप से प्रेस को दी जा रही है. क्या ऐ.टी.एस. के द्वारा की जा रही पूछ-ताछ का उद्देश्य केवल प्रचार करना है कि हिन्दू संगठन भी आतंकी होते है ? हम साध्वी सहित अन्य आरोपियों को तब तक निर्दोष मानते है, जब तक कि उनके खिलाफ अंतिम अदालत में अभियोग प्रमाणित न हो जाये. चाहे जो कुछ भी हो लेकिन आतंकवाद निरोधी दस्ते की प्रचारात्मक शैली से राजनीतिक षडयंत्र कि बू आ रही है.

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