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पवन कुमार अरविंद, नई दिल्ली। सरकार द्वारा आम बजट में गंगा की सफाई के लिए धनराशि को दोगुना किए जाने पर राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक श्री के.एन. गोविंदाचार्य ने कहा है कि गंगा नदी के संदर्भ में सरकार का रवैया शुरु से ही धोखाधड़ीभरा रहा है। सरकार में बैठे लोग अच्छी तरह जानते हैं कि केवल बजट में बढ़ोत्तरी कर देने से गंगा निर्मल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आवंटित धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। इसलिए इस मुद्दे पर केवल धनराशि में बढ़ोत्तरी ही बहुत मायने नहीं रखती है।
श्री गोविंदाचार्य ने दूरभाष पर हुई बातचीत में कहा कि गंगा में जब तक गोमुख से आने वाला 70 प्रतिशत जल नहीं रहेगा तब तक सरकार 500 करोड़ क्या 5 हजार करोड़ भी खर्च करे, गंगा निर्मल नहीं हो सकती।
ज्ञातव्य हो कि वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आम बजट में गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की राशि दोगुना बढ़ाकर 500 करोड़ रुपए कर दिया है। यह राशि मूल रूप से गंगा की सफाई में खर्च किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “गंगा को ‘गंगा’ बनाए रखने के लिए आवश्यकता इस बात की है कि उसका प्रवाह अविरल बना रहे। जबकि मौजूदा सरकार विकास के नाम पर इसके अविरल प्रवाह को अवरुद्ध कर रही है।”
श्री गोविंदाचार्य़ ने कहा कि प्रदूषण को दूर किए जाने के नाम पर सरकार जनता की आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रही है।
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