रविवार, अक्तूबर 19, 2008

शहादत का उपहास

दिल्ली के जामिया नगर इलाके की बहुचर्चित मुठभेड़ को लेकर जैसी निकृष्ट राजनीति हो रही है, उसका असर सारे देश पर पड़ रहा है। यह खतरनाक है कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को निशाना बनाया जा रहा है और केंद्रीय सत्ता मौन धारण किये हुए है। वोट बैंक कि क्षुद्र राजनीति के कारण जो लोग इस मुठभेड़ को फर्जी साबित करने और न्यायिक जाँच की मांग कर रहे हैं, वे देश के साथ-साथ स्वयं मुस्लिम समुदाय का अहित कर रहे हैं। इस मुठभेड़ के बाद छद्म पन्थानिरपेक्षतावादी नेताओं में अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की होड़ सी मच गई है। ऐसे लोगों को आतंकवाद और इस्लाम में अंतर समझना चाहिए। क्योंकि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। मुठभेड़ को फर्जी बताने वाले मुलायम सिंह, अमर सिंह, रामबिलास पासवान, लालू यादव और मायावती सरीखे नेता देशद्रोही है।

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