24 अक्टूबर, 2016 को लखनऊ में हुई समाजवादी पार्टी की बैठक में मुलायम सिंह
यादव ने कहा है कि अमर सिंह ने उन्हें जेल जाने से बचाया है। वे नहीं होते तो उन्हें सजा हो जाती।
मुलायम के इस बयान के बाद अब ये सवाल भी उठ रहे हैं कि ‘राजनीतिक जोड़तोड़’ के जरिए क्या किसी दोषी को बचाया भी जा सकता है। देश का कानून और जांच एजेंसियां क्या राजनीतिक जोड़तोड़ से इस कदर प्रभावित हैं, कि किसी दोषी को सजा ही न मिले।
दरअसल, मुलायम सिंह का यह बयान देश की कानून-व्यवस्था के समक्ष बड़ी चुनौती है। सुप्रीम कोर्ट को मुलायम सिंह के बयान का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।
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मुलायम सिंह का यह बयान 10 वर्षों तक केंद्र में सत्तारूढ़ रहे कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। कांग्रेस के रहनुमा इस पर कुछ बोलते क्यों नहीं? देश की जनता सफाई चाहती है।
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