शनिवार, जुलाई 31, 2010

गंगा बचाओ आंदोलन को मिल रहा है व्यापक समर्थन


अविरल और निर्मल गंगा के मुद्दे पर प्रख्यात आईटी वैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद् प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल का अनशन जारी है। पिछले 12 दिनों से हरिद्वार के मातृ सदन में अनशन पर बैठे प्रोफेसर अग्रवाल को कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों का समर्थन भी मिलने लगा है।

प्रोफेसर अग्रवाल के आमरण अनशन को शंकराचार्यों का भी समर्थन मिला हुआ है। पुरी और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्यों के प्रतिनिधियों ने फोन कर उनके आमरण अनशन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।

पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधियों ने मातृसदन फोन कर इस आंदोलन के प्रति समर्थन जताया है और चातुर्मास की वजह से मातृ सदन आ सकने में असमर्थता जताते हुए उन्होंने आंदोलन की सफलता की कामना की है।

78 वर्षीय प्रोफेसर अग्रवाल की मांग है कि भागीरथी नदी पर बन रहे पाला-मनेरी और लोहारीनागपाला जलविद्युत परियोजनाओं का काम बंद कर गंगा की अविरलता बरकरार रखने के लिए उन्हें निरस्त किया जाए।

उनकी दूसरी मांग है कि गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का कार्य निर्धारित हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि गंगा नदी का 70 प्रतिशत पानी उसके मूल प्रवाह में रहे।

ज्ञातव्य है कि जलविद्युत परियोजनाओं के कारण गंगा के अस्तित्व पर संकट पैदा हो गया है। परियोजनाओं के कारण गंगा को लंबे सुरंगों में से प्रवाहित किया जा रहा है, जिस कारण काफी दूर तक नदी अदृश्य भी लगती है। साथ ही विश्व के नए पर्वतों में शुमार होने के कारण हिमालय को भी इन परियोजनाओं से खतरों के प्रति विशेषज्ञ आगाह करते रहे हैं।

प्रोफेसर अग्रवाल का कहना है कि गंगा कोई साधारण नदी नहीं है बल्कि यह वैज्ञानिक तथ्यों पर प्रमाणित और हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। इसलिए इसको बचाना बहुत जरूरी है।

अविरल गंगा के मुद्दे पर काफी मुखर रहे संत शिवानंद सरस्वती और राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के संयोजक एवं स्वदेशी चिंतक के.एन. गोविंदाचार्य भी प्रो. अग्रवाल के समर्थन में खड़े हो गए हैं।

गोविंदाचार्य का कहना है कि क्या बिजली की आपूर्ति के नाम पर गंगा को नष्ट करना जरूरी है? आज देश को प्रकृति केंदित विकास की जरूरत है। हम गंगा की महत्ता को देखते हुए उसको बचाने के लिए गंभीर हैं।

गंगा बचाओ आंदोलन को जिस प्रकार राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन, विश्व हिंदू परिषद, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित अन्य धार्मिक व सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है उससे यही लगता है कि प्रोफेसर अग्रवाल का अनशन एक बड़े आंदोलन का रूप लेगा।

फ़ॉलोअर

लोकप्रिय पोस्ट

ब्‍लॉग की दुनिया

NARAD:Hindi Blog Aggregator blogvani चिट्ठाजगत Hindi Blogs. Com - हिन्दी चिट्ठों की जीवनधारा Submit

यह ब्लॉग खोजें

Blog Archives